Forex मार्केट व्यक्तिगत ट्रेडर्स के लिए सबसे आकर्षक निवेश टूल है। मार्केट 24 घंटे काम करता है क्योंकि इसमें कई सत्र होते हैं। Forex मार्केट के ट्रेडिंग सत्रों में से एक एशिया-पैसिफ़िक सत्र है। चलिए इसकी विशेषताओं, संचालन समय, मुद्रा जोड़े जिनपे ट्रेड किया जाता है, और सर्वोत्तम रणनीतियों को देखें।

Forex सत्र क्या हे?

Forex मार्केट एक ऐसा मार्केट है जिसमें विदेशी मुद्राओं में ट्रैडिंग होता है, और जिसमे एक स्थानीय मुद्रा का दूसरी मुद्रा में लेन-देन होता है। ट्रेडर्स को मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से आय प्राप्त होती है। इसमें ट्रेडर्स का लक्ष्य मुद्रा को कम दर पर खरीदना और उच्च दर पर बेचना है। Forex एक 24/7 मार्केट है क्योंकि आप किसी भी समय किसी भी स्थान से ट्रेड कर सकते हैं। Forex मार्केट 24 घंटे खुला रहता है क्योंकि इसमें चार सत्र होते हैं।

दुनिया में मुख्य Forex सत्र कोनसे हैं?

दुनिया में मुख्य चार Forex सत्र हैं। पहला सिडनी (पैसिफ़िक) ट्रेडिंग सत्र है, जो 9:00 pm से शुरू होता है और 6:00 am UTC पर समाप्त होता है। दूसरा टोक्यो (एशियाई) ट्रेडिंग सत्र है, जो 12:00 am से शुरू होता है और 9:00 am UTC तक चलता है। तीसरा सत्र लंदन (यूरोपीय) ट्रेडिंग सत्र है, जो 7:00 am से शुरू होता है और 4:00 pm UTC तक चलता है। चौथा न्यू यॉर्क (अमरीकी) ट्रेडिंग सत्र है, जो 1:00 pm से 10:00 pm UTC तक चलता है।

Forex मार्केट को क्या प्रभावित करता है?

Forex मार्केट को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं। पहला कारक ब्याज दर है। जब केंद्रीय बैंक ब्याज दर बढ़ाते हैं, तो देश का निवेश आकर्षण बढ़ता है, और निवेशकों और मुद्रा में तेजी आती है, जो देश की राष्ट्रीय मुद्रा को मजबूत बनाता है।

“मार्केट पर विनिमय दर राजनीतिक निर्णयों और समाचारों से भी प्रभावित होता है, और इससे मार्केट प्रतिभागियों की अपेक्षाए प्रभावित होती हैं, जो बदले में अपने कार्यों के माध्यम से एक ट्रेंड बना सकते हैं। साथ ही, संसाधनों की कीमतें और स्टॉक एक्सचेंज की स्थिति Forex मार्केट को प्रभावित करती हैं।”

विभिन्न फ़ॉरेक्स सत्रों के बीच क्या अंतर हैं?

अलग-अलग ट्रेडिंग सत्र एक दूसरे से कैसे भिन्न होते हैं? पहली बात तो यह की ये मुद्रा जोड़े प्रत्येक सत्र के दौरान सबसे अधिक ट्रेड होते हैं। मुद्रा जोड़े और स्प्रेड की लिक्विडिटी भी अलग-अलग होती है।

यूरोपीय ट्रेडिंग सत्र। फ़ॉरेक्स मार्केट पर लगभग 30% लेनदेन लंदन फ़ॉरेक्स मार्केट सत्र के दौरान होती है। लंदन सत्र के दौरान, “ओवरलैप” होता है क्योंकि एशियाई सत्र के अंतिम घंटे यूरोपीय सत्र की शुरुआत के साथ मेल खाते हैं।

“लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट, ज्यूरिख और लक्ज़मबर्ग शहर मुख्य वित्तीय केंद्र है जिनमें इस सत्र के सबसे बड़े खिलाड़ी स्थित हैं। पूरे मार्केट में सबसे बड़ी अस्थिरता लंदन सत्र के खुलने के समय (9 से 11 pm UTC तक) देखी जाती है।”

इस सत्र के दौरान यूरोपीय ट्रेडर्स की गतिविधि सटीक रूप से बढ़ जाती है, इसलिए ऐसे जोड़ो में सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव देखा जाएगा जिनमे डेनिश क्रोन, स्विस फ्रैंक, यूरो और ब्रिटिश पाउंड जैसी मुद्राएं शामिल हैं। अक्सर, शुरुआती लोगों के लिए यूरोपीय सत्र अच्छा माना जाता है क्योंकि इस सत्र में मुद्रा गतिशीलता मजबूत होती है | अपने अंतिम घंटों में, यूरोपीय सत्र भी अमरीकी सत्र के साथ ओवरलैप करता है।

“किसी भी सत्र में पहले और आखिरी घंटों के दौरान सबसे ज्यादा गतिविधि होती है। इसका कारण यह है कि शुरुआत में और दिन के अंत में मार्केट को ऐसी खबरें मिलती हैं जो मुद्रा दरों को प्रभावित करती हैं। यानी मुद्रा में बड़े उतार-चढ़ाव सबसे बड़ा लाभ प्राप्त करने का अवसर है। इस सत्र के दौरान इन मुद्रा जोड़ो में सबसे कम स्प्रेड होगा।”

अमरीकी फ़ॉरेक्स सत्र। Forex मार्केट कई कारकों से प्रभावित होता है, जिसमें स्टॉक एक्सचेंज की स्थिति भी शामिल है, और इसलिए अमरीकी स्टॉक एक्सचेंज जो कामकाज के समय के दौरान दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, उसका फ़ॉरेक्स मार्केट पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। अमरीकी अर्थव्यवस्था पर अधिकांश वित्तीय रिपोर्टें न्यूयॉर्क में ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत में प्रकाशित की जाती हैं।

इस बात पर भी ध्यान देना जाना चाहिए कि डॉलर मार्केट में सबसे लोकप्रिय मुद्रा है, इसलिए अमरीका के समाचार और घटनाएँ सभी प्रमुख जोड़े को प्रभावित करते हैं। सबसे सक्रिय ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत में होती है क्योंकि इस सत्र का यूरोपीय सत्र के अंत के साथ ओवरलैप होता है, ठीक उसी समय जब यूरोपीय ट्रेडर्स अपने ऑर्डर्स को बंद करते हैं। मार्केट में सबसे ज्यादा लिक्विडिटी ट्रेडिंग सत्र के शुरूआती घंटों में मौजूद होती है, और फिर किसी भी मुद्रा जोड़ी पर ट्रेड होते रहते है।

एशियाई फ़ॉरेक्स सत्र। एशियाई फ़ॉरेक्स सत्र के सबसे बड़े वित्तीय केंद्र टोक्यो, होंगकोंग और सिंगापुर जैसे शहर हैं। इस सत्र के दौरान, मार्केट पर सभी ट्रेडिंग कार्यों का लगभग 20% संचालन किया जाता है। इस सत्र के दौरान, जापानी येन और, इस कारण, जापानी येन को शामिल करने वाले जोड़े (USD/JPY, EUR/JPY, GBP/JPY) बहुत सक्रिय रूप से ट्रेड होते हैं।

वित्तीय संस्थानों के साथ साथ व्यवसायों का भी मार्केट के रुझान पर बहुत प्रभाव पड़ता है। जापान बड़ी मात्रा में निर्यात करने वाला देश है, इसलिए सबसे बड़ी कंपनियों से जुड़ी हाई-प्रोफाइल खबरों पर ध्यान देने लायक है। यूरोपीय सत्र के विपरीत, एशियाई सत्र के दौरान अस्थिरता कम हो जाती है, इसलिए लंदन या न्यूयॉर्क की तुलना में इस सत्र के दौरान शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग कम लाभदायक हो सकती हैं।

पैसिफ़िक Forex सत्र। सिडनी सत्र को चारों मुख्य ट्रेडिंग सत्रों में से सबसे शांत सत्र माना जाता है। आम तौर पर,सिडनी सत्र के दौरान कीमतों में कोई जोरदार उछाल नहीं आता है। कीमत में मामूली उतार-चढ़ाव होता हैं। जब ऑस्ट्रेलिया में स्टॉक एक्सचेंज खुलता है, तो ऐसी खबरें आती हैं जो ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर को प्रभावित करती हैं। इसलिए, उन जोड़ियों में सबसे बड़ी अस्थिरता देखी जा सकती है जिनमें इनमें से एक मुद्रा शामिल है। और इस सत्र में सबसे कम ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है।

सिडनी Forex सत्र के दौरान ट्रेडिंग करने का उत्तम समय

सिडनी सत्र के दौरान सबसे अधिक अस्थिर समय अंतिम घंटे होते हैं जब सत्र टोक्यो सत्र के साथ जुड़ता है। अन्य समय में, ट्रेडिंग सत्र बहुत शांत होता है। इसलिए, यह माना जाता है कि शुरूआती ट्रेडर्स के लिए सिडनी सत्र सही है। कम अस्थिरता किसी असफल सौदे की स्थिति में हुए छोटे नुकसान को सहन करना संभव बनाती है। तो यह समय है सीखने का की ट्रेड कैसे करें और लाभदायक एंट्री और एग्जिट कैसे करें।

सिडनी सत्र के दौरान ट्रेड करने के लिए सर्वोत्तम मुद्राएं कौन सी हैं?

आखिरकार, सिडनी सत्र की शुरुआत में, एशियाई सत्र के साथ ओवरलैप होता है, इसलिए ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर के अलावा, और भी अस्थिर मुद्रा जोड़े पाए जाते हैं। सामान्य तौर पर, सिडनी सत्र के दौरान ट्रेड करने के लिए सबसे अच्छे जोड़ो में USD/JPY, AUD/NZD और AUD/USD के साथ-साथ मुख्य जोड़े EUR/USD, USD/CHF और GBP/USD शामिल हैं।

पैसिफ़िक सत्र के दौरान USD/JPY सबसे अधिक ट्रेड होता है, इसलिए इसमें आप सबसे कम स्प्रेड पाएंगे।

AUD/USD जोड़ी सबसे अधिक अस्थिर है, इसलिए इस जोड़ी पर ट्रेडिंग आपको सबसे बड़ा संभावित लाभ देती है।

सिडनी सत्र के दौरान उपयोग करने के लिए सर्वोत्तम रणनीतियाँ कॉनसी हैं?

कम अस्थिरता के कारण, लॉंग-टर्म की रणनीतियों जैसे पोजीशन ट्रेडिंग का उपयोग करना बेहतर होता है, क्योंकि शॉर्ट-टर्म में कम लिवरेज का उपयोग करते समय, मुनाफा कम मिल सकता है, इसलिए लंबी अवधि के लिए आर्डर बनाए रखना और मौलिक विश्लेषण का उपयोग करना अधिक तर्कसंगत होगा।

निष्कर्ष

अंत में, हम यह कह सकते हैं कि सिडनी ट्रेडिंग सत्र मुख्य सत्रों में सबसे कम अस्थिर है, इसलिए यह शुरुआती अभ्यास के साथ-साथ लॉंग-टर्म ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए अच्छा हो सकता है। ट्रेडिंग के लिए सबसे लोकप्रिय और इस कारण अस्थिर जोड़े वे हैं जिनमें जापानी येन, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और न्यूज़ीलैंड डॉलर शामिल हैं।